आँखों का स्वास्थ्य कैसे बनाए रखे ? Healthy eyes & eyesight
आज के इस आधुनिक युग में भी आँखे ,आँखों की समस्याए और आँखों की हेल्थ पूरी तरह से अनदेखी की जाती है। आज भी हम लोग आँखों की सेहत पर तब तक ध्यान नहीं देते जब तक हमे दिखाई देने में दिक्कत नहीं होती। थोड़ी सी जानकारी जो आपको आपके आँखों का स्वास्थ्य, हेल्थ बनाए रखने में मदद करेगी।
आँखों के स्वास्थ्य का जीवन पर प्रभाव –
जीवन की गुणवत्ता ( Quality of life), दैनिक व्यक्तिगत गतिविधियों ( Personal daily activities) ,काम के अवसर ( Work opportunities ), सार्वजनिक सेवाओं में असर्थता , सामजिक;आर्थिक अक्षमता ,मानसिक अशांति , सहित जीवन के सभी पहलुओं पर कम या अनुपस्थित दृष्टि का प्रमुख और दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है।
नेत्र स्वास्थ्य क्यों आवश्यक है ?
परिहार्य और बचाव योग्य अंधेपन ( Avoidable and Preventable blindness ) को रोकने और दृष्टि को संरक्षित करने के लिए नेत्रस्वास्थ्य की और कदम उठाना जरुरी है।
कुछ ऐसे ही चीज़ों को आज हम समझ लेते है जिसके जरिए आप आपकी आँखों को हेल्दी या स्वस्थ बनाए रखोगे।
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हेल्दी स्वस्थ आँखों के लिए नियमित नेत्र जांच (Benefits of Regular eye examination)
हमारी आँखे हमारे समग्र स्वास्थ्य का आयना होती है। आँखों की जांच न केवल दृष्टि संबंधी समस्या का पता लगाती है बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी उजागर करती है। इसलिए साल में कम से कम एक या दो बार आँखों की जांच करवाना जरुरी है।
४० वर्ष की आयु के बाद एक बेसलाइन स्क्रीनिंग ,नेत्रपरीक्षा ,आँख की बीमारी के लक्षणों को प्रारंभिक चरण में पहचानने में मदद कर सकती है।
प्रारंभिक चरण में आँख की बिमारियों पर किये जाने वाले उपचार दृष्टि को संरक्षित करने पर सबसे अधिक प्रभाव डाल सकते है।
ग्लूकोमा (Primary open angle Glucoma) के प्रारंभिक चरण में वेदना ,दृष्टिहानी ,अन्य या कोई भी चेतावनी संकेत नहीं होते है। किन्तु उचित समय पर निदान और चिकित्सा न होने पर ये अंधेपन का कारण होता है। इसिलिए इसे Silent thief of Sight कहा जाता है। यही हानि हम नियमित नेत्र जांच करने से टाल सकते है।
मधुमेह और उसकी जटिलता डायबिटिक रेटिनोपैथी को हम उसके प्रारंभिक चरणों में ही प्रतिबंध कर सकते है अगर मधुमेही रुग्णों द्वारा हरसाल नेत्र जांच की जाए तो।
मोतियाबिंद का निदान और समय पर उपचार / सर्जरी उससे जुडी जटिलताओं को कम कर देता है।
उच्च मायोपिया , ग्लूकोमा , जैसे विकारों का पारिवारिक इतिहास होने पर समय समय पर आँखों की जांच उससे जुडी जटिलताओं को कम कर देता है।
शिशु और बच्चों की वार्षिक नेत्र जांच उनकी आँख से जुडी समस्याए जैसे की भेंगापन (Squint), Amblyopia (lazy eye), Refractive error (दूरदृष्टिदोष- मायोपिया , दृष्टिवैष्यम्य – Astigmatism ) आँख से पानी आना ,एलर्जी जैसे कारणों का पता चल सकता है।
व्यापक नेत्र परीक्षा में निम्न चीजे शामिल हो सकती है (Comprehensive Eye Examination includes following tests)–
- व्यक्तिगत और पारिवारिक बीमारी का इतिहास
- आँखों की मांसपेशियों की गतिविधीया ( Eye muscle movements )
- विज़न टेस्ट – visual acuity -आप कितनी स्पष्ट रूप से देख सकते है।
- Refractive error – दूरदृष्टिदोष (Myopia) ,निकटदृष्टिदोष (Hypermetropia) ,दृष्टिवैष्यम्य (Astigmatism)
- Visual field test – परिघीय दृष्टि क्षेत्र का आकलन करने की एक रफ टेस्ट।
- टोनोमेट्री – आँखों का प्रेशर (इंट्राओक्युलर प्रेशर) नापा जाता है।
- स्लिट लैंप परिक्षण – माइक्रोस्कोपिक परिक्षण जिससे आपकी आँखों और आसपास की संरचनाओं को मैग्नीफाइड लेंस द्वारा जांच की जाती है।
- कलर विज़न
- Ophthalmoscopy / Fundoscopy —-रेटिना परिक्षण जिससे रेटिना का स्वास्थ्य, संरचनाओं ,दोष या रेटिनोपैथी का आय डॉक्टर परिक्षण करते है।
इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार आय डॉक्टर आप को अन्य परीक्षणों का भी सुझाव दे सकते है।
असुधारित अपवर्तक त्रुटियां ( Uncorrected Refractive errors) जैसे दूरदृष्टिदोष ,निकटदृष्टिदोष आदि , मोतियाबिंद , ग्लूकोमा ,डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसे बचाव योग्य (Preventable ) और परिहार्य अंधेपन ( Avoidable Blindness ) को नियमित नेत्र जांच , संतुलित आहार और जीवनशैली में सुधार लाकर निश्चित ही नियंत्रित किया जा सकता है।
स्वस्थ आँखों के लिए पोषकतत्वों से भरपूर आहार (Nutritious Diet for Healthy Eyes)
आँखों के लिए पोषकतत्व (Nutrients for Eyes)
Omega 3 fatty acids –
- शिशु के सामान्य दृष्टि विकास के लिए आवश्यक होते है। जिसकी पूर्ति मातृस्तन्य द्वारा या कुछ सप्लिमेंट से की जाती है।
- वयस्कों में मैक्युलर डिजनरेशन और विषेशतः ड्राई आई सिंड्रोम से बचाने में मदद करते है।
- Omega 3 fatty acids ऑइली फिश , कॉड लिवर ऑइल , अखरोट ( Walnut ) ,सोयाबीन , फ्लैक्स बीज ( Flax seeds ), चिया बीज ( Chia seeds ) में पर्याप्त उपलब्ध होते है।
Lutein and Zeaxanthin –
- यह पीले कैरोटिनॉइड एंटीऑक्सीडेंट हैं जिन्हें मैक्युलर पिगमेंट के रूप में माना जाता है।
- वे मैक्युला (रेटिना का मध्यभाग)में केंद्रित होते है और एक प्राकृतिक सनब्लॉक के रूप में कार्य करते है।
- यह ब्लू लाइट जो रेटिना के लिए हानिकारक होती है उनसे आंखो की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
- मैक्युलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद के विकास को धीमा करने में मदद करते है।
- Lutein and Zeaxanthin आमतौर पर हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक ,मटर , ब्रोकोली और अंडे ( Egg yolks) में पाए जाते है।
आय विटामिन ( Eye Vitamins )
Vitamin A –
- यह विटामिन आपकी आँखों की रौशनी के प्रति संवेदनशील कोशिकाओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
- विटामिन ए की कमी नाईट ब्लाइंडनेस (Night blindness ), ड्राई आई जैसी अनेक आँखों की समस्याों को पैदा करता है।
- ए विटामिन की मात्रा लिवर ,फिश ऑइल ,दूध और अंडे (egg yolk) में प्रचुर होती है।
- डाएटरी प्रोविटामिन A हरि पत्तेदार सब्जियां ,ऑरेंज और पीले कलर की सब्जियों में उपलब्ध होता है।
- सबसे कार्यक्षम प्रोविटामिन ए – बीटा कैरोटीन पालक ,गाजर में उच्च मात्रा में पाया जाता है।
- यह विटामिन ए युक्त पदार्थ आँखों के सेहत बनाए रखने की आवश्यकता को पूरी करता है।
Vitamin C –
- पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट विटामिन C आँखों का स्वास्थ्य बनाए रखते है।
- पर्याप्त मात्रा में विटामिन C की पूर्ति मोतियाबिंद के विकास की जोखिम कम कर देता है।
- रेटिना की नाजुक रक्तवाहिकाओं को हेल्दी रखने में मदद करता है।
- साइट्रस फ्रूट्स – संतरे ,मोसम्बी ,लेमन , इनमे विटामिन C पर्याप्त उपलब्ध होता है।
Vitamin E –
- आहार में विटामिन E की कमी मोतियाबिंद की जल्दी शुरुआत और परिपक्वता का कारण है।
- विटामिन E एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन के उन्नत चरण प्राप्त करने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
- सनफ्लॉवर ;सोयाबीन ऑइल , सनफ्लॉवर सीड ,मूंगफली , कद्दू , बादाम , एवोकैडो इनमे पर्याप्त मात्रा में विटामिन E पाया जाता है।
आँखों का स्वास्थ्य पर्याप्त संतुलित आहार से शुरू होता है।
हरीसब्जियाँ (Green Veggies for Healthy Eyes)
Green vegetables फाइबर्स ,मिनरल्स, विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। शुगर ,रक्तदाब ,मोटापा से हमे दूर रखती है। एक संतुलित आहार शारीरिक स्वास्थ्य के साथ आँखों का स्वास्थ्य भी बनाए रखता है।
पालक –
- पोषकतत्वों से हरीभरी सब्जी पालक विटामिन का पावरहाउस है जो लम्बे समय के लिए आँखों की सेहत बनाए रखता है।
- पालक में विटामिन ए की प्रचुर मात्रा और साथ ही में विटामिन K, B2, B6, E, C भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है।
- इसके अलावा मैगनीज ,मैग्नीशियम, फोलेट, कॉपर , कैल्सियम जैसे मिनरल्स , lutein, zeaxanthin ,carotenoids जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स मौजूद होते है।
- जिससे ये मैकुलर डिजनरेशन ,मोतियाबिंद के विकास के लिए कुछ प्रतिशत निश्चित ही प्रतिबन्ध लगाती है।
सहजन –
- सहजन बीटा कैरोटीन , विटामिन सी , के ,बी कॉम्प्लेक्स जैसे आवश्यक विटामिन का अविश्वसनीय स्त्रोत है।
- एंटीऑक्सिडेंट्स का पावरहाउस होने के कारण मोतियाबिंद ,ड्राई आई और रेटिना के लिए बहोत ही लाभदायी है।
- एंटीइंफ्लेमटरी गुणों के कारण आँखों के संक्रमण के दौरान यह एक पथ्यकारक सब्जी है।
बथुआ / चंदनबटवा – बथुआ के पत्तों में विटामिन ए की सर्वाधिक मात्रा (11,300 IU) पाई जाती है।
चौलाई की सब्जी – इसमें विटामिन A, B2, C , फोलेट , प्रोटीन ,फाइबर और कैल्सियम से भरपूर होती है।
स्वस्थ आँखे रखने या बनाए रखने के लिए टिप्स ( Tips to have Or to maintain healthy eyes )
नियमित आँखों की जांच करे। दृषिहानी ,अंधेपन को रोकने और दृष्टि को संरक्षित करने के लिए प्रारंभिक ,सटीक निदान और शीघ्र उपचार आवश्यक है।
- पोषकतत्वयुक्त आहार और दैनिक व्यायाम का अभ्यास मधुमेह ,उच्च रक्तदाब जैसी बीमारियां और उससे जुडी आँखों की समस्या –
- जैसे डायबिटिक रेटिनोपैथी ,हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी की जोखिम को कम कर देता है।
- पर्याप्त मात्रा में नींद ले।
- अधिकतम आठ घंटे की अच्छी रात की नींद आँखों के विश्राम और सेहत के लिए जरुरी है।
- आय प्रोटेक्टिव ( संरक्षणात्मक ) साधनों (Glasses, face shield ) का उपयोग आँखों को चोट से बचाते है।
- डार्क सनग्लासेस का इस्तेमाल करे।
- ६०-८० % पराबैंगनी किरणों ( ultraviolet rays ) को अवशोषण करने योग्य काफी गहरे रंग के सनग्लासेस को चुने।
- पराबैगनी किरणे मोतियाबिंद की जल्दी शुरुआत और परिपक्वता के लिए कारणीभूत होते है।
- आँखों को न रगड़े।
- आँखों को बार बार मसलने से बैक्टीरिया ,जंतु आसानी से हाथों द्वारा आँखों में प्रवेश कर सकते है।
- और संक्रमण का कारण हो सकते है।
- धूम्रपान और अल्कोहल सेवन बंद करे।
- इससे ड्राई आई ,मोतियाबिंद ,ग्लूकोमा ,एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन , डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसे नेत्रविकारों की जोखिम कम हो जाती है।
- रात को सोने से पहले डिजिटल डिवायसों का इस्तेमाल न करे।
- इनसे निकली ब्लू लाइटे आँखों के लिए हानिकारक होती है।
- और साथ ही में मानसिक अस्वास्थ्य का भी कारण है।
- डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल करते समय पलके बार बार झपके।
- हर २० मिनट बाद २० फूट की दुरी पर २० सेकंड के लिए देखे।
- इससे आय स्ट्रेन और आँखों की मांसपेशियों का तान कम होने में मदद होगी।
- कॉन्टैक्ट लेंस संबंधी अच्छी आदते और स्वछता नियमों का पालन करे।